गणेशोत्सव के दौरान प्रतिदिन मध्यप्रदेश के इस मंदिर में पहुंच रहे लाखों श्रद्धालु, बाबा का श्रृंगार देखकर हो रहे आनंदित

महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर शुक्रवार को बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। सबसे पहले भगवान को स्नान, पंचामृत अभिषेक करवाने के साथ ही केसर युक्त जल अर्पित किया गया। बाबा महाकाल का पूजन सामग्री से श्री गणेश स्वरूप में श्रृंगार किया गया। पुत्र के रूप में बाबा महाकाल का श्रृंगार देखकर श्रद्धालु काफी आनंदित हुए। इस अलौकिक श्रृंगार को जिसने भी देखा वह देखता ही रह गया।
भगवान के विशेष श्रृंगार के बाद उन्हें नवीन मुकुट धारण कराया गया और फिर महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की गई। श्रद्धालुओं ने नंदी हॉल और गणेश मंडपम से बाबा महाकाल की दिव्य भस्म आरती के दर्शन किए और भस्म आरती की व्यवस्था से लाभान्वित हुए। श्रद्धालुओं ने इस दौरान जय श्री महाकाल व जय श्री गणेश का उद्घोष भी किया।