Jabalpur में बन रहा अत्याधुनिक तकनीक से सबसे लंबा सिंगल स्पान केबल स्टे ब्रिज, France की Freyssinet Company …
मध्यप्रदेश/जबलपुर : जबलपुर के मदन महल छेत्र में बन रहा भारत का सबसे लंबा सिंगल स्पान वाला ब्रिज इसकी भार क्षमता 70 टन होगी। निर्माणाधीन केबल स्टे ब्रिज में विशेष तकनीक ‘कास्ट इनसिटु फार्म ट्रैवल गंट्री’ का उपयोग किया जा रहा है। इसमें जमीन से बिना किसी सपोर्ट के कांक्रीट स्लैब की ढलाई की जा रही है। काम की बारीकी इतनी है कि रेल लाइन के ऊपर पांच-पांच मीटर के ब्लाक तैयार किए जा रहे हैं।
इस ब्रिज को अत्याधुनिक तकनीक से बनाने के लिए फ्रांस की कंसल्टेंट कंपनी और आइआइटी मुंबई और आइआइटी चैन्नई के इंजीनियरों की मदद ली जा रही है। इस ब्रिज की कुल लंबाई 385 मीटर है। अब इस ब्रिज को पूरा होने में 21.5 मीटर निर्माण बाकी है।
मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग एससी वर्मा ने बताया कि फ्रांस की फ्रेसिनेट कंपनी के मागदर्शन में निर्माण कार्य किया जा रहा है। काम की बारीकी इतनी है कि रेल लाइन के ऊपर पांच-पांच मीटर के ब्लाक तैयार किए जा रहे हैं। ब्रिज के दोनों तरफ से समान लंबाई से निर्माण हो रहा है। इंजीनियर हर काम पर बराबर नजर रखे हुए हैं ताकि ब्रिज के दोनों छोर समान रूप से मिले और मजबूती बनी रहे।
ईई शिवेंद्र सिंह के अनुसार भारत का सबसे लंबा सिंगल स्पान वाल रेलवे के ऊपर ब्रिज बन रहा है। इसके निर्माण में अभी डेढ़ साल का वक्त लग चुका और करीब दो माह में यह ब्रिज पूरा बन जाएगा। रेलवे के ऊपर से ब्रिज का 192 मीटर लंबा हिस्सा निकल रहा है यह ब्रिज सौ साल की जरूरत को पूरा करने के लक्ष्य को लेकर बन रहा है। इसकी भार क्षमता 70 टन होगी। निर्माणाधीन केबल स्टे ब्रिज में विशेष तकनीक ‘कास्ट इनसिटु फार्म ट्रैवल गंट्री’ का उपयोग किया जा रहा है। इसमें जमीन से बिना किसी सपोर्ट के कांक्रीट स्लैब की ढलाई की जा रही है। एक बार में 5-5 मीटर के सेगमेंट की ढलाई हो रही है। इसका वजन 180-190 टन होता है। इसे बैलेंस कैंटलीवर तकनीक से बनाया जा रहा है, जिसमें 56 स्टे केबल से इसका लोड डिस्ट्रिब्यूशन होगा। स्ट्रक्चर में रोजाना तीन बार डिफ्लेक्शन चेक किया जाता है। इसकी मॉनीटरिंग फ्रेसिनेट कंपनी कर रही है।