छत्तीसगढ़

चैतन्य देवियों की विशाल पर्वत पर बनी झांकी लोगों के आकर्षण का केंद्र…माता के भक्तों की उमड़ी भीड़

तीन बार ओम की ध्वनि उच्चारण के साथ ब्रह्मांड की समस्त शक्ति से जुड़कर नवरात्रि के रूप में कन्या द्वारा नवदुर्गा के आध्यात्मिक रहस्य को बताते हुए भिलाई के सेक्टर 7 स्थित राजयोग भवन में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा आयोजित चैतन्य देवियों की झांकी लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। जिसमें एक के बाद एक चैतन्य देवियों का विशाल पर्वत एवं गुफाओं से प्रकट होकर जड़ मूर्ति के रूप में स्थिर होकर भक्तों को दर्शन दे उन्हें शांति और दिव्यता की अनुभूति करा रही है।

सर्वप्रथम सांसद विजय बघेल, रजनी बघेल, डॉक्टर पीयूष गोयल (डायरेक्टर स्पर्श हॉस्पिटल) मुखोपाध्याय जी (ई डी प्रोजेक्ट ,भिलाई इस्पात संयंत्र),पंकज त्यागी (जी एम,एफ एस एन एल ) ब्रह्माकुमारी आशा दीदी द्वारा झांकी का दीप प्रज्वलन कर विधिवत उद्घाटन किया गया।

अष्टभुजा धारी दुर्गा मां की अष्ट शक्तियां (समाने की शक्ति, सहन करने की शक्ति, सामना करने की शक्ति, समेटने की शक्ति, परखने की शक्ति, निर्णय लेने की शक्ति, सहयोग करने की शक्ति,विस्तार को संकीर्ण करने की शक्ति) हम सभी में मां के रूप में विद्यमान है।
हमारे अंदर की हर शक्ति हमारी मां है। यह सन्देश मूर्ति रूप में विराजित चैतन्य देवियाँ दे रही है |

ज्ञात हो की  राजयोग मेडिटेशन के सतत अभ्यास द्वारा तन और मन की स्थिरता, एकाग्रता के कारण अचल और अडोल मूर्तियों के समान प्रतीत होती हैं कन्याएं।

यह झांकी 11 अक्टूबर तक सर्व के निशुल्क  दर्शनार्थ प्रतिदिन शाम को 06:30 बजे से रात्रि 10 बजे तक रहेगी।

झांकी के अंत में सभी को राजयोग मेडिटेशन के अभ्यास द्वारा बताया जा रहा है कि हमारे एक सकारात्मक विचार में सब कुछ बदलने की शक्ति है।

इस अवसर पर जीवन में सच्ची सुख और शान्ति का अनुभव करने के लिए “गॉड्स पावर मेरे पास”(परमात्म शक्तियां मेरे जीवन में) दस दिवसीय राजयोग अनुभूति शिविर का निशुल्क आयोजन  रविवार 13 अक्टूबर से रहेगा। जिसका समय प्रातः 7 बजे प्रातः 8 बजे एवम संध्या 5:30 से संध्या 6:30 या संध्या 7:30 से रात्रि 8:30 तक रहेगा। उपरोक्त किसी भी एक समय पर निशुल्क शिविर का लाभ ले सकते है।

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