राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी का पार्थिव शरीर पंचतत्व में हुआ विलीन…अंतिम संस्कार में शामिल होने कई देशों के हजारों की संख्या में लोग…

आबू रोड (राजस्थान)। ब्रह्माकुमारीज संस्थान की स्थापना के समय से सक्रिय सदस्य रही दुनिया के सबसे बडे आध्यात्मिक संगठन की मुखिया 101 वर्षीय राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी पंचतत्व में विलीन हो गयी। इस मौके पर कई देश के हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे। इस दौरान संस्थान की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मोहिनी, संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयेागिनी बीके मुन्नी, बीके संतोष,सांसद लुम्बाराम चौधरी, बीजेपी जिलाध्यक्ष रक्षा भंडारी, अतिरिक्त महासचिव बीके करुणा, बीके मृत्युंजय समेत बड़ी संख्या में लोंगों ने अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उनके निधन पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता समेत कई प्रदेशों की मुख्यमंत्रियों ने अपनी श्रद्धांजलि दी है।
राजयेागिनी दादी रतनमोहिनी का 8 अप्रैल, 2025 को प्रातः 1.20 मिनट पर देवलोकगमन हो गया था। उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कई देशों के लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। दादी रतनमोहिनी अपने 13 वर्ष की उम्र में इस संस्थान के सम्पर्क में आयी थी। तब से लेकर एक साधारण ब्रह्माकुमारीज से मुख्य प्रशासिका की सफर तय की। चार साल पहले ही दादी को मुख्य प्रशासिका का दायित्व मिला था। इसके पहले भी वे युवा प्रभाग की अध्यक्षा के साथ ही ब्रह्माकुमारीज संस्थान में समर्पित होने वाली युवा बहनों के प्रशिक्षण का भी दायित्व संभालती रही है। इसके साथ ही उन्होंने देश ही नहीं दुनिया कई देशों में भ्रमण कर भारतीय संस्कृति और सभ्यता का बीज बोया है। दादी के जाने से ब्रह्मकाुमारीज संस्थान में दादियों के युग का अंत हो गया।
इस दौरान विश्व हिन्दू परिषद के प्रदेश प्रमुख राजाराम जी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश चौधरी, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश प्रमुख अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश प्रमुख हीराराम जी बारड़ समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।