छत्तीसगढ़

रोजगार दिलाने के नाम पर 68 महिलाओं से 28 लाख की ठगी, किश्त वसूली करने पहुंचे फाइनेंस वाले तो हुआ खुलासा…

मुंगेली : लोरमी के डिंडोरी क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य रानू केशरवानी और उनके पति संजय केशरवानी पर 68 महिलाओं के नाम पर लोन स्वीकृत कर 28 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर दंपती के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। डिण्डौरी सहित आसपास के गांवों की महिलाओं ने एसपी को लिखित शिकायत देकर बताया था कि जिला पंचायत सदस्य और उसके पति ने रोजगार दिलाने के नाम पर उनके दस्तावेज जुटाए और उनके नाम पर लोन स्वीकृत कराया। लोन की राशि महिलाओं के खाते से अपने खाते में ट्रांसफर कर ली गई। महिलाओं को इस धोखाधड़ी की जानकारी तब हुई जब फाइनेंस कंपनी का कर्मचारी किश्त वसूली के लिए उनके घर पहुंचा। लोरमी एसडीओपी माधुरी धिरही ने जांच में पाया कि आरोप सही हैं। प्राथमिक जांच के बाद पुलिस ने रानू केशरवानी और उनके पति के खिलाफ धारा 420, 406, 34 के तहत मामला दर्ज किया।

ग्राम खुडिय़ा निवासी चितरेखा धुर्वे ने अपनी शिकायत में कहा कि जून 2023 में रानू और संजय ने उसे दोना-पत्तल बनाने का काम दिलाने का झांसा दिया। राशन कार्ड, आधार कार्ड और फोटो लेकर फाइनेंस कंपनी में फॉर्म भरवाया गया। बाद में उसके खाते में आए 48 हजार रुपये को नवरंगपुर किओस्क सेंटर में अंगूठा लगवाकर अपने खाते में केशरवानी ने ट्रांसफर कर लिया। चितरेखा ने यह भी बताया कि अन्य महिलाओं के साथ भी इसी तरह धोखाधड़ी हुई। उन्होंने बताया कि दंपती ने पैसे की जरूरत पर ब्याज सहित राशि लौटाने का आश्वासन दिया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

एसडीओपी धिरही ने कहा, डिण्डौरी, खुडिय़ा, दुल्लापुर, और अन्य गांवों की 68 महिलाओं ने लगभग 28 लाख रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत की है। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि लोन स्वीकृत कराने के बाद राशि को अपने खातों में ट्रांसफर कराया गया। इस मामले में अन्य संबंधित व्यक्तियों की भूमिका भी जांच के घेरे में है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button