PSC भर्ती फर्जीवाड़ा : उद्योगपति श्रवण गोयल और पीएससी के पूर्व चेयरमैन सोनवानी की 14 दिन रिमांड बड़ी
रायपुर : पीएससी भर्ती फर्जीवाड़ा मामले में पीएससी के पूर्व चेयरमैन और उद्योगपति की न्यायिक रिमांड 14 दिन और बढ़ा दी गयी है। इससे पहले न्यायिक रिमांड समाप्त होने पर टामन सिंह सोनवानी और श्रवण गोयल को कोर्ट में पेश किया गया था। जहां विशेष कोर्ट ने 14 दिन की रिमांड बढ़ा दी।
आपको बता दें कि सीबीआई ने PSC के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर स्मार्ट लिमिटेड के श्रवण गोयल को गिरफ्तार किया था। बाद में पूछताछ के बाद कोर्ट ने दोनों आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया था।
आज रिमांड खत्म होने पर दोनों आरोपियों को कोर्ट लेकर पुलिस पहुंची। विशेष न्यायाधीश (सी.बी.आई) लीलाधर साय यादव की बैच में दोनों को पेश किया गया।
सीबीआई ने 18 को किया था गिरफ्तार….
सीबीआई ने दोनों आरोपियों टामन सिंह सोनवानी और श्रवण कुमार गोयल को 18 नवंबर को गिरफ्तार किया था। 19 नवंबर को स्पेशल कोर्ट में पेश किया। जिसके बाद से दोनों 7 दिन की न्यायिक रिमांड पर थे। सीबीआई ने दोनों से CGPSC घोटाला मामले में पूछताछ की। सोनवानी पर रिश्तेदारों और ब्यूरोक्रेट्स के बच्चों की नौकरी लगवाने का आरोप है।
वीआईपी लोगों के रिश्तेदारों के चयन का आरोप….
सीबीआई के मुताबिक सोनवानी के कार्यकाल में पीएससी में हुई भर्ती में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। आरोप है कि उन्होंने अपने कई करीबी रिश्तेदारों और कांग्रेस नेताओं और अधिकारियों के 18 रिश्तेदारों की नौकरी लगवाई है। जांच में पैसों के लेन-देन के पुख्ता सबूत मिले हैं। ये भी आरोप है कि, पैसे लेकर कुछ नेताओं और अधिकारियों के बच्चों को डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी जैसे पदों पर चयन किया गया था। टामन के अलावा आने वाले दिनों में सीबीआइ कुछ और अफसरों को गिरफ्तार कर सकती है।
ये हैं दोनों पर आरोप…
CGPSC-2019 से 2022 तक की भर्ती में कुछ कैंडिडेट्स के चयन को लेकर विवाद है। ईओडब्ल्यू और अर्जुंदा पुलिस ने भ्रष्टाचार-अनियमितता के आरोप में FIR की है। PSC ने 2020 में 175 पदों पर और 2021 में 171 पदों पर परीक्षा ली थी। इन्हीं भर्तियों को लेकर ज्यादा विवाद है। आरोप है कि तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों समेत कांग्रेसी नेता और ब्यूरोक्रेट्स के बच्चों की नौकरी लगवाई है। सीजीपीएससी 2019 से 2022 तक की भर्ती में कुछ अभ्यर्थियों के चयन को लेकर विवाद है। ईओडब्ल्यू और अर्जुंदा पुलिस ने भ्रष्टाचार-अनियमितता के आरोप में केस दर्ज किया है। आरोप है कि तत्कालीन अध्यक्ष सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों समेत कांग्रेसी नेता और ब्यूरोक्रेट्स के बच्चों की नौकरी लगवाई है।