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ब्रह्माकुमारीज़ के मंच से बोले गृह मंत्री अमित शाह- संस्थान ने योग तपस्या त्याग से दुनियाभर में सादगी, संयम और सहयोग का अद्भुत वातावरण बनाया। 

– जवान 46 डिग्री टेंपरेचर से लेकर प्लस 46 डिग्री टेंपरेचर में सीमाओं की सुरक्षा अपने जीवन का स्वर्ण काल देकर करते हैं: गृह मंत्री अमित शाह

– शाह बोले- सुरक्षा बलों के त्याग और तपस्या के कारण ही हम सुरक्षित हैं

– गृहमंत्री ने किया सुरक्षा सेवा प्रभाग के राष्ट्रीय सम्मेलन और संस्थान की वार्षिक थीम का शुभारंभ

आबूरोड, राजस्थान। गृहमंत्री अमित शाह गुरुवार को ब्रह्माकुमारीज़ के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन पहुंचे। जहां डायमंड हॉल में आयोजित कार्यक्रम में संस्थान के सुरक्षा सेवा प्रभाग के राष्ट्रीय सम्मेलन का दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ और प्रभाग की सिल्वर जुबली की लॉचिंग की। संस्थान की इस वर्ष की वार्षिक थीम- विश्व एकता एवं विश्वास हेतु ध्यान का राष्ट्रीय उद्घाटन किया।

कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सशस्त्र बलों के सुरक्षा कर्मियों के त्याग-तप और बलिदान के कारण आज हम सुरक्षित हैं। 46 डिग्री टेंपरेचर से लेकर प्लस 46 डिग्री टेंपरेचर राजस्थान के रेगिस्तान के अंदर हमारी सीमाओं की वह सुरक्षा अपने जीवन का स्वर्ण काल देकर करते हैं। तभी जाकर हम सुरक्षित, आंतरिक सुरक्षा की बात करें तो सेना और सीआरपीएफ छोड़कर सभी राज्यों की पुलिस भी कानून और व्यवस्था की स्थिति संभालकर हर निर्बल को संरक्षण देने का काम करती है। परंतु यह काम एक प्रकार से ढेर सारा तनाव पैदा करने वाला है। नींद की कमी पानी की कमी, शांत मन की कमी और हिंसा से जूझने के समय उनका मन तनाव में होता है ऐसे में ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा हमारे सुरक्षा कर्मियों को बाहर लाकर उनका मन, आत्मा और शरीर को शांति का मार्ग प्रशस्त करने का प्रयास करना, अपने आप में एक बहुत बड़ा काम है। मैं ब्रह्मकुमारी को इसके लिए बहुत-बहुत साधुवाद देना चाहता हूं।

भारत ने सबसे पहले वसुधैव कुटुंबकम की भावना विश्व को दी-

गृहमंत्री शाह ने कहा कि 25 साल से हर एक सुरक्षा बल के अंदर जाकर इतने तनाव को कम करके अपने आत्मा को शांति की और कैसे ले जाना और उसके साथ शांत मन और स्वस्थ शरीर से देश की सुरक्षा को और अच्छे तरीके से करने की दिशा में ब्रह्माकुमारीज़ ने जो प्रयास किया है, इसकी मैं बहुत मन से प्रशंसा भी करता हूं और देश के गृह मंत्री के नाते धन्यवाद भी प्रेरित करना चाहता हूं। योग और अध्यात्म से मन-बुद्धि, शरीर और आत्मा को एकरूप करके ज्ञान से प्रगति के रास्ते पर जाने के लिए और चिंतन से समस्याओं के निवारण के लिए नीतियों का सृजन करना ये भारत की बहुत पुरानी परंपरा है। हम इस परंपरा को आज भी समग्र विश्व के अंदर पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं। वसुधैव कुटुंबकम की भावना, भारत ने सबसे पहले विश्व को दी। जब पूरे विश्व के अंदर लोग गुफाओं में रहते थे तब पूरा विश्व मेरा परिवार है, ये हमारे उपनिषद की ऋचा ने समग्र विश्व को हमारा परिवार बनाया।

आजादी की शताब्दी तक हम विश्व में सर्वोच्च अर्थतंत्र होंगे-

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आजादी के 75 साल के बाद जब पीछे मुड़कर देखते हैं तो हमारा देश बहुत बड़ी मजल काटकर आज विश्व में पांचवे नंबर का अर्थतंत्र बना है। मुझे पूरा विश्वास है कि हम कुछ ही सालों में विश्व में तीसरे नंबर का अर्थतंत्र बनेंगे। जब आजादी की शताब्दी मनाई जाएगी तो हम मोदीजी के नेतृत्व में विश्व में सर्वोच्च स्थान पर पहुंचने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। परंतु विश्व में तीसरे नंबर का अर्थतंत्र बनने के साथ ही हमारी जो परंपराएं हैं, जिन्होंने पूरे विश्व को विश्व बंधुत्व की भावना की ओर ले जाने की क्षमता पड़ी है। हर मानव के अंदर रही आत्मा को परमात्मा के साथ जोड़ने की शक्ति हमारी परंपराओं में पड़ी है। हर जीवन को सद् वृत्ति को नई राह पर ले जाने की हमारी परंपराओं में शक्ति पड़ी है। इतनी ही तेजी के साथ आगे ले जाना यह भारत का लक्ष्य होना चाहिए। इसके लिए ब्रह्माकुमारी जैसी संस्थाएं बहुत अच्छे से काम कर रही हैं जो हमारे उद्देश्य को बहुत जल्दी से पूरा करने की दिशा में हम आगे बढ़ेंगे।

योग के रास्ते से ही विश्व शांति आएगी-

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बनाकर हमारी वैदिक परंपरा, ऋषि-मुनियों की सबसे अमूल्य धरोहर को समग्र विश्व को देने का काम किया। आज समूचे विश्व में आज करोड़ों लोग ध्यान और अध्यात्म के रास्ते पर अपने जीवन का कल्याण कर रहे हैं। ये रास्ता ही आने वाले दिनों में विश्व शांति का रास्ता बनने वाला है।

ब्रह्माकुमारीज़ पर बोले शाह-

मैं पहली बार ब्रह्माकुमारीज़ के कार्यक्रम में आया हूं। मैंने बहुत सुना था कि ब्रह्माकुमारीज़ योग और ध्यान के माध्यम से पूरे विश्व में मानव के अंदर शांति और साधना का एक दीप प्रज्जवलित करने का कार्य कर रही है। जब मैं इस संस्थान में आया न मैंने कुछ सुना था, न कुछ किया था परंतु मन को अखाड़ शांति का अनुभव यहां आकर हुआ है। संस्था अनेक वर्षों से हर व्यक्ति के अंदर पड़ी हुई सद् बुद्धि को जागरूक करने का जो प्रयास हो रहा है, इसी के तपोबल से एक अद्भुत शांति का वातावरण इस परिसर में महसूस किया है।

संस्था की अब तक चली सभी गतिविधियों ने ध्यान, साधना, मानसिक शांति, आंतरिक स्थिरता और सद्मार्ग पर चलने की प्रवृत्ति को उत्तेजन देने की सभी प्रवृत्ति के लिए मैं पूज्य लेखराज कृपलाना जी को बहुत आदर सहित प्रणाम करके उनको श्रद्धांजली देना चाहता हूं। समाज के अंदर व्यक्तिगत जीवन में जब गुरु मिल जाता है तो कई लोगों का जीवन सन्मार्ग पर प्रशस्त होने का उदाहरण है। मगर कुछ लोग इस प्रकार का काम करके जाते हैं जो हर व्यक्ति के आत्मा को ही एक दीप बनाकर प्रकाशमय मार्ग पर चलने के लिए लेखराज कृपलानी जी ने ब्रह्माकुमारीज़ की स्थापना करके हर एक व्यक्ति की आत्मा को दीप बनाकर उसके प्रकाश में आगे बढ़ने का एक बहुत बड़ा आहृान किया है जिसका आज समाज पर बहुत बड़ा असर दिख रहा है।

मैं आज यहां आया हूं तब दीदी रनतमोहिनी जी को मन पूर्वक श्रद्धासुमन अर्पित करना चाहता हूं। राजयोगिनकी मोहिनी दीदी को भी बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। ब्रह्माकुमारीज़ ने तपस्या और तेज से दुनियाभर में सादगी, संयम और सहयोग का अद्भुत वातावरण खड़ा किया है। ब्रह्माकुमारीज़ की वर्ष 2025-26 की थीम- ‌विश्व एकता और विश्व विश्वास हेतु ध्यान और सुरक्षा कर्मियों के लिए आत्म जागृति से राष्ट्र सशक्तिकरण सम्मेलन का यहां उद्घाटन हो रहा है।

दुनिया के 140 देशों तक सरल तरीके से आत्मा-परमात्मा का ज्ञान पहुचाया

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि लेखराज कृपलानी जी ने आत्मा-परमात्मा और सृष्टि चक्र जो ज्ञान प्राप्त किया है उसी को ब्रह्मा कहा गया। उसी के प्रचार के लिए ब्रह्माकुमारीज़ की स्थापना की गई। आज मुझे इस बात का विशेष आनंद है कि वर्षों से हम भारत के लोग मां के अंदर देवी का वास देखते हैं। इस संस्था में वर्षों से उसको चलाने में मातृ शक्ति का अहम रोल रहा है। वह हम सबके लिए गौरव और अभिमान का विषय है। स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन- व्यक्ति बदलता है तो ही विश्व को बदलने का कारण बन सकता है। स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन थीम पर कई प्रकार के सद विचार ब्रह्माकुमारीज़ ने भारत सहित विश्व के अलग-अलग देशों में पहुंचाए। ब्रह्मचर्य का पालन, शाकाहार, नशामुक्ति, सादगीपूर्ण जीवन, राजयोग ध्यान और इसके माध्यम से आत्मा का परमात्मा से मिलन और आत्म ज्ञान की प्राप्ति से शुद्ध, शांत और अमर आत्मा के अंश की अनुभूति करना। इन सारी चीजों को ब्रह्माकुमारीज़ ने बहुत सरल तरीके से दुनिया के 140 देशों तक पहुंचाने का कार्य किया है।

सेना से लेकर खेल तक हर क्षेत्र में योग काे शामिल किया जा रहा है: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि गृह मंत्री जी ने देश की आंतरिक सुरक्षा, संवैधानिक सुधारों और राष्ट्रीय अखंडता को सशक्त करने वाले कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। जिनकी प्रतीक्षा देश दशकों से कर रहा था। मैं पूज्य राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी को भी श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए नमन करता हूं जो अब हमारे बीच नहीं हैं। उनका जीवन त्याग, प्रेम, सेवा, साधना और आध्यात्मिक अनुशासन की अनूठी मिसाल रहा है। संस्थान की इस वर्ष की थीम मौजूदा सामाजिक, राजनीतिक, वैश्विक परिदृश्य में अत्यंत प्रासांगिक है। शांति और सद्भाव की यह तपोभूमि आंतरिक जागृति के माध्यम से हमारे बहादुर जवानों के आत्म सशक्तिकरण के माध्यम से और भी प्रभावी बनाएगी। इन जवानों को ध्यान और योग से शारीरिक और मानसिक शक्ति मिलेगी। ब्रह्माकुमारीज़ अपनी कार्यशालाएं, सत्रों के माध्यम से सुरक्षा बलों को मानसिक सुदृढ़ता और भावनात्मक संतुलन प्रदान करने में महती कार्य कर रही है। जब हम भीतर से शांत होते हैं तो दुनिया पर भी सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। सेना से लेकर खेल तक हर क्षेत्र में योग काे शामिल किया जा रहा है।

राजयोग से मिलती है मानसिक शांति-

ब्रह्माकुमारीज़ की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मोहिनी दीदी ने कहा कि यदि अपने ही मन में शांति नहीं है तो हम कितनी ही कॉन्फ्रेंस कर लें, शांति की बात कर लें लेकिन कोई फायदा नहीं होगा। सबसे पहले हमें स्वयं के अंदर शांति लानी होगी। राजयोग मेडिटेशन से हमें मानसिक शांति प्राप्त होती है। मेडिटेशन से मन-बुद्धि-संस्कार की एकाग्रता आती है।

हेलीपेड पर इन्होेंने किया शाह का स्वागत-
गृह मंत्री शाह के पहुंचने पर मानपुर हवाई पट्‌टी पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, राज्य मंत्री ओटाराम देवासी, प्रभारी मंत्री केके विश्नोई ने अगवानी की। जिला कलेक्टर अल्पा चौधरी, ब्रह्माकुमारीज़ के पदाधिकारी और पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार ने भी अभिनंदन किया। इस मौके पर भाजपा के पदाधिकारी सहित जिले के कई अधिकारी मौजूद रहे।

शांतिवन में रही कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था-
शाह के आगमन को लेकर शांतिवन में सुरक्षा-व्यवस्था के कड़े इंतजाम रहे। एसपीजी कमांडो, एफआईआर फोर्स के साथ जिला पुलिस बल के अधिकारी, जवान सुरक्षा में अलर्ट रहे। डायमंड हॉल में प्रवेश के पूर्व एक-एक व्यक्ति की सुरक्षा जांच की गई।

तीनों सेनाओं के 400 से अधिक अधिकारी-जवानों ने भी लिया भाग-

सुरक्षा सेवा प्रभाग के राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे जल सेना, थल सेना और वायु सेना के 400 से अधिक अधिकारी, जवान भी विशेष रूप से मौजूद रहे। ये सभी अधिकारी और जवान चार दिन तक आध्यात्मिता और राजयोग ध्यान की बारीकियां सीखेंगे।

इन्होंने भी व्यक्त किए अपने विचार-

अतिरिक्त महासचिव बीके डॉ. मृत्युंजय भाई ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ परिवार की ओर से गृहमंत्री का हृदय से स्वागत है, अभिनंदन है। स्वर्णिम भारत बनाने के कार्य में ब्रह्माकुमारीज़ परिवार भारत सरकार के साथ हमेशा कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार है। सेवा में समर्पित है।

सुरक्षा सेवा प्रभाग की उपाध्यक्षा दिल्ली की बीके शुक्ला दीदी ने कहा कि हमने भौतिक रूप से तो बहुत तरक्की कर ली है लेकिन हम आंतरिक रूप से कमजोर हो गए हैं। सुरक्षा सेवा प्रभाग का उद्देश्य हमारे जवानों को आंतरिक रूप से मजबूत करना, उन्हें सशक्त बनाकर राष्ट्र सेवा के लिए शक्तिशाली, मजबूत बनाना है।

झलकियां-
– गृह मंत्री शाह ने पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी को श्रद्धांजली अर्पित की।

– गृहमंत्री का अतिरिक्त महासचिव डॉ. मृत्युंजय भाई ने इलाइची की माला और राजस्थानी पगड़ी पहनाकर स्वागत किया। सोमनाथ मंदिर की प्रतिकृति का मॉडल भेंट किया।

– अतिरिक्त महासचिव बीके करुणा भाई व बीके शिविका बहन ने मधुबन का मॉडल प्रतीक चिंहृ भेंट किया।

– मधुर वाणी ग्रुप के कलाकारों ने स्वागत गीत की प्रस्तुति दी।

– सुरक्षा सेवा प्रभाग की 40 साल की सेवाओं का वीडियो प्रजेंटेशन दिखाया गया। इसमें अब तक की गई सेवाओं को दिखाया गया।

 

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