राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा “छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया” यहां के लोग बहुत अच्छे इसलिए ये कहा जाता है।

छत्तीसगढ़/रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई. सबसे पहले विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने भाषण देते हुए राष्ट्रपति का स्वागत किया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विधानसभा में जय जोहार का नारा देकर अपना संबोधन शुरू किया. राष्ट्रपति ने कहा- छत्तीसगढ़ की स्थापना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने की, इसके लिए उनका आभार. यहां आकर मुझे ओडिशा विधानसभा में विधायक कार्यकाल की याद आ रही है. विधानसभा राज्य की संस्कृति में प्रस्तावित होते हुए आगे बढ़ती है. इस विधानसभा के इतिहास के बारे में जानकार ये मान्यता और भी प्रबल हो जाती है कि “छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया” छत्तीसगढ़ विधानसभा में 25 साल के दौरान इस सदन में कभी भी मार्शल का इस्तेमाल नहीं करना पड़ा. इस विधानसभा ने श्रेष्ठ आचरण का उदाहरण पेश किया.
राष्ट्रपति ने कहा कि छत्तीसगढ़ को मातृ शक्ति का रूप कहा जा सकता है. इस सुंदर राज्य के सम्मान में जय जय छत्तीसगढ़ महतारी गाया जाता है. ये राज्य सही अर्थ में भारत माता का प्रतीक है. भारत की संसदीय परंपरा में छत्तीसगढ़ की मिनी माता का नाम हमेशा लिया जाता है. इस सदन में महिला विधायकों की संख्या ज्यादा है. साल 2023 के विधानसभा चुनाव में महिला मतदातों की संख्या ज्यादा थी. जिससे महिला जनप्रतिनिधियों को सदन में पहुंचाने के लिए महिला मतदाताओं का पूरा हाथ है.
राष्ट्रपति ने कहा “सदन में सभी विधायकों को विशेषकर महिला विधायकों को ये प्रयास करना चाहिए कि अगले विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या में और इजाफा हो. छत्तीसगढ़ के 80 प्रतिशत लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं और उनका मुख्य कार्य कृषि है. राज्यों के कुछ अंचलों में महिलाओं की संख्या, पुरुषों की संख्या से ज्यादा है. जो गर्व की बात है.”
द्रौपदी मुर्मू ने आगे कहा “इस विधानसभा में कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए. 565 विधेयक पारित हुए. इसके लिए पूर्व और वर्तमान विधेयक की सराहना करती हूं. छत्तीसगढ़ में विकास के प्रचूर अवसर है. यह राज्य सुंदर जंगल, झरना और प्राकृतिक वातावरण से समृद्ध है. राज्य में विकास के साथ साथ प्रकृति के साथ संतुलन बनाने की भी जिम्मेदारी है.”
राष्ट्रपति ने कहा “वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित लोगों को समाज से जोड़ने का काम अंतिम और निर्णायक मोड पर है. मुझे विश्वास है कि छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से मुक्त करने में सफलता हासिल करेंगे और राज्य का नाम इतिहास में स्वर्णिम अक्षर में जोड़ेंगे. गुरु घासीदास के विचार मनखे मनखे एक समान पर काम करेंगे.”
द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन के आखिर में कहा कि वह चरणदास महंत की बात से सहमत है कि संभलपुर को जैसे छत्तीसगढ़ का हिस्सा समझते हैं वैसे ही हम रायपुर को ओडिशा का हिस्सा मानते हैं. दिल की कोई दीवार नहीं है. दिल से हम सब एक जैसे हैं. छत्तीसगढ़ का चावल जगन्नाथ में चढ़ाया जाता है जिसे पूरे विश्व के लोग खाते हैं. छत्तीसगढ़ के लोग बहुत अच्छे हैं इसलिए कहा जाता है कि छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया.”