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विश्व शांति महामंत्र ‘नवकारमहामंत्र’ का सम्पूर्ण भारत वर्ष में किया गया पाठ, 108 से ज्यादा देशों के लोगों ने लिए भाग, पीएम मोदी भी वर्जुअल…

नई दिल्ली : विश्व शांति महामंत्र ‘नवकारमहामंत्र’ का आज सम्पूर्ण भारत वर्ष में पाठ किया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्जुअल भाग लिया। इसी तरम्य में श्री मुनिसोवर्त नाथ दिगम्बर जैन मंदिर अमलतास में भी पाठ किया गया। उक्त जानकारी विजय जैन गोधा ने दी। पीएम मोदी ने कहा, मैं नवकार महामंत्र की आध्यात्मिक शक्ति को अब भी अपने भीतर अनुभव कर रहा हूं। कुछ वर्ष पूर्व मैं बंगलुरू में ऐसे ही एक सामुहिक मंत्रोच्चार का साक्षी बना था, आज वही अनुभूति हुई और उतनी ही गहराई में हुई। नवकार महामंत्र सिर्फ मंत्र नहीं है। ये हमारी आस्था का केंद्र है। हमारे जीवन का मूल स्वर… और इसका महत्व सिर्फ आध्यात्मिक नहीं है। ये स्वयं से लेकर समाज तक सबको राह दिखाता है, जन से जग तक की यात्रा है। इस मंत्र का प्रत्येक पद ही नहीं, बल्कि प्रत्येक अक्षर अपने आप में मंत्र है।

नवकार महामंत्र कहता है कि स्वयं पर विश्वास करो, स्वयं की यात्रा शुरू करो, दुश्मन बाहर नहीं है, दुश्मन भीतर है। नकारात्मक सोच, अविश्वास, वैमनस्य, स्वार्थ ही वो शत्रु हैं, जिन्हें जीतना ही असली विजय है। यही कारण है कि जैन धर्म हमें बाहरी दुनिया नहीं, बल्कि खुद को जीतने की प्रेरणा देता है। नवकार महामंत्र जैन धर्म में सबसे सम्मानित और प्रतिष्ठित मंत्र है। इसे सच्चे ज्ञानी और आचार्यों के गुणों को समर्पित किया जाता है। यह मनुष्य को आंतरिक परिवर्तन की प्रेरणा देता है। इस अवसर पर, लोग आत्म-शुद्धि, सहिष्णुता और सामूहिक कल्याण के मूल्यों पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित होते हैं।

इस आयोजन में 108 से ज्यादा देशों के लोगों ने भाग लिए, जो एक साथ मिलकर शांति और एकता के लिए सामूहिक रूप से इस मंत्र का उच्चारण किया। यह वैश्विक उपक्रम न केवल धार्मिक, बल्कि मानवता और वैश्विक भाईचारे को बढ़ावा देने का भी प्रयास है।

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