बस्तर के गढ़बेंगाल निवासी पंडीराम मंडावी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्मश्री सम्मान से अलंकृत किया, सीएम साय ने दी बधाई

छत्तीसगढ़/रायपुर : भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बस्तर अंचल के गढ़बेंगाल निवासी पंडीराम मंडावी को वर्ष 2025 के पद्मश्री सम्मान से अलंकृत किया है। यह सम्मान उन्हें जनजातीय वाद्य यंत्र निर्माण और काष्ठ शिल्प कला के क्षेत्र में उनके अद्भुत एवं उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया है। पद्मश्री से सम्मानित होने पर सीएम विष्णुदेव साय ने मंडावी को बधाई दी है।
माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी द्वारा नारायणपुर के गोंड-मुरिया जनजाति के सुप्रसिद्ध काष्ठ शिल्पकार श्री पंडी राम मंडावी जी को पद्मश्री सम्मान से अलंकृत किया जाना समस्त प्रदेशवासियों के लिए गौरवपूर्ण क्षण है।
श्री मंडावी जी ने अपनी विशिष्ट पहचान बस्तर की पारंपरिक बांसुरी ‘सुलुर’ के निर्माण से बनाई है। मात्र 12 वर्ष की आयु से ही वे लकड़ी के पैनलों पर उभरे चित्रों, मनोहारी मूर्तियों और विविध शिल्पकृतियों के माध्यम से अपनी अनुपम कला का जीवंत प्रदर्शन करते आ रहे हैं।
उन्होंने न केवल बस्तर की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजा, बल्कि अपने ज्ञान और कौशल से अगली पीढ़ी के कलाकारों को प्रशिक्षित कर इस परंपरा को जीवित और प्रासंगिक बनाए रखा। श्री मंडावी जी कला के प्रति आपके समर्पण पर समूचा छत्तीसगढ़ गर्वित है।