छत्तीसगढ़

माओवादी संगठन में सक्रिय दंपत्ति ने किया पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण… पूर्व में सरकारी शिक्षक भी रहा नक्सली…

छत्तीसगढ़/मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी : जिले में नक्सल विरोधी अभियान के तहत एक बड़ी सफलता मिली है। यहां नक्सल डिविजनल कमेटी सदस्य (DVC) जीवन और उसकी पत्नी एरिया कमेटी सदस्य (ACM) अगाशा ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। यह दंपत्ति करीब दो दशकों से माओवादी संगठन में सक्रिय था।

जीवन जो पहले परवीडीह गांव के सरकारी स्कूल में शिक्षाकर्मी के रूप में कार्यरत था, वर्ष 2000 के आसपास नौकरी छोड़कर माओवादियों से जुड़ गया। आश्चर्यजनक रूप से, उसने नक्सली संगठन में भी शिक्षक की भूमिका निभाई, जहां वह उत्तर ब्यूरो की मोबाइल पॉलिटिकल स्कूल टीम (MOPOS) का हिस्सा बना और नक्सली कैडरों को वैचारिक प्रशिक्षण देने लगा।

उसकी पत्नी अगाशा, मानपुर क्षेत्र की निवासी है, जो नक्सल संगठन की सीएनएम एरिया कमेटी की सदस्य रही है। दंपत्ति माओवादी संगठन के माड़ डिवीजन और रावघाट एरिया कमेटी के तहत सक्रिय था।

एसपी यशपाल सिंह ने दोनों के आत्मसमर्पण की पुष्टि करते हुए बताया कि यह न सिर्फ संगठन के ढांचे को कमजोर करेगा, बल्कि क्षेत्र में नक्सलवाद के खिलाफ जारी मुहिम को मजबूती भी देगा।

स्कूली मास्टर बना नक्सली विचारधारा का… 

जीवन की कहानी एक चौंकाने वाली वास्तविकता को उजागर करती है कि कैसे एक स्कूली मास्टर बच्चों को पढ़ाने से लेकर बंदूक थामे नक्सली विचारधारा का प्रचारक बन गया। हालांकि अब, वर्षों बाद, उसने मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है। इस आत्मसमर्पण को सुरक्षा एजेंसियां एक मनोवैज्ञानिक जीत मान रही हैं, जिससे अन्य सक्रिय माओवादियों को भी आत्मसमर्पण के लिए प्रेरणा मिल सकती है।

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