छत्तीसगढ़

Airtel अब छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में AI-पावर्ड स्पैम डिटेक्शन सिस्टम से लैस, अत्याधुनिक तकनीक से सुरक्षा

रायपुर : भारती एयरटेल ने अपनी एआई-पावर्ड स्पैम डिटेक्शन सिस्टम के जरिए मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में अपने ग्राहकों को बड़ी राहत प्रदान की है। इस अत्याधुनिक तकनीक लॉन्च के पहले 12 दिनों में ही, टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर ने अपनी इस नई सेवा से दोनों राज्यों में 5 करोड़ 70 लाख संभावित स्पैम कॉल और 13 लाख स्पैम एसएमएस की पहचान करने में सफलता हासिल की है।

यह सेवा पूरी तरह से मुफ्त है और अब मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के सभी एयरटेल के ग्राहकों के लिए इसे अपने आप एक्टिवेट कर दिया गया है। इसके लिए उन्हें न तो कोई अनुरोध करना पड़ा और न ही कोई एप डाउनलोड करने की जरूरत पड़ी l

भारती एयरटेल, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रितेश अग्रवाल ने कहा, “आज की तेजी से डिजिटल होती दुनिया में, हमारे ग्राहक घोटालों और दुर्भावनापूर्ण संदेशों के खतरे का सामना कर रहे हैं, इसके चलते अधिकतर ग्राहक असुरक्षित और इन खतरों से बचाव के तरीकों को लेकर चिंतित रहते हैं। आज, एयरटेल अपने अनूठे एआई-संचालित सुविधा की शुरुआत करने के साथ इस गंभीर समस्या का सामना करने के लिए तैयार है। दुर्भावनापूर्ण कॉल्स और मैसेज को सक्रिय पहचान के माध्यम से, इस अनूठी नई तकनीक ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में एयरटेल के 1 करोड़ 60 लाख ग्राहकों को डिजिटल वातावरण में आत्मविश्वास के साथ नेविगेट करने के लिए सशक्त बनाया है। एयरटेल ने ग्राहकों की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया है और एक भरोसेमंद टेलीकॉम पार्टनर के रूप में नया इंडस्ट्री स्टैंडर्ड स्थापित किया है।”

एयरटेल के डेटा वैज्ञानिकों द्वारा इस एआई-सक्षम सेवा को बनाने में एक विशेष एल्गोरिद्म का उपयोग किया गया है, जो कॉल और एसएमएस को “सस्पेक्टेड स्पैम” के रूप में पहचानता है। नेटवर्क, एआई एल्गोरिद्म की मदद से, रियल-टाइम में यह मॉनिटर करता है कि किस नंबर से कॉल आ रहा है या किसने एसएमएस भेजे हैं। इसके अलावा, यह कॉल और एसएमएस की संख्या और कितनी देर तक कॉल हुई, इन सबका भी विश्लेषण रखता है। जब यह जानकारी पहले से ज्ञात स्पैम पैटर्न से मिलती है, तो सिस्टम संभावित स्पैम कॉल्स और एसएमएस को सटीक ढंग से पहचान लेता है।

इस सुरक्षा तंत्र में दो स्तर हैं – एक नेटवर्क पर और दूसरा आईटी सिस्टम पर। हर एसएमएस या कॉल इस दोहरी सुरक्षा से गुजरती है। यह सॉफ़्टवेयर सिर्फ दो मिलीसेकंड में 150 करोड़ मैसेजेज और 250 करोड़ कॉल को प्रोसेस करता है, जो असल में एआई की क्षमता से 1 लाख करोड़ रिकॉर्ड्स को रियल टाइम में प्रोसेस करने के बराबर है।

साथ ही, यह समाधान ग्राहकों को एसएमएस के जरिए प्राप्त साइबरक्राइम को अंजाम देने के उद्देश्य से भेजे गए लिंक के बारे में भी सचेत करता है। इसके लिए, एयरटेल ने ब्लैकलिस्टेड यूआरएल का एक केंद्रीकृत डेटाबेस तैयार किया है और हर एसएमएस को रीयल-टाइम में एआई एल्गोरिद्म द्वारा स्कैन किया जाता है, ताकि यूजर अनजाने में भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बच सकें। यह समाधान आईएमईआई में बदलाव जैसी गड़बड़ियों का भी पता लगा सकता है, जो अक्सर धोखाधड़ी का संकेत होती हैं। इन सुरक्षा उपायों के जरिए, कंपनी यह सुनिश्चित कर रही है कि उसके ग्राहकों को स्पैम और धोखाधड़ी से पूरी तरह सुरक्षा मिले।

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