व्यर्थ संकल्पों से अपनी एनर्जी को बचाएंगे तो लाइट रहेंगे: राजयोगिनी जयंती दीदी
आबू रोड। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मान सरोवर परिसर में फाइनेंस प्रोफेशनल ब्रह्माकुमार भाई-बहनों के लिए चार दिवसीय योग तपस्या शिविर और रिट्रीट आयोजित की गई। इसमें देशभर से 300 से अधिक फाइनेंस से जुड़े बीके बैंककर्मी, मैनेजर, एचआर मैनेजर्स और सीए ने भाग लिया।
अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके जयंती दीदी ने कहा कि आप सभी परमात्मा के विशेष बच्चे हो क्योंकि आप सभी इस ईश्वरीय विश्व विद्यालय का सारा हिसाब-किताब रखते हैं। आप सभी पर बड़ी जिम्मेदारी है, इसलिए आपकी भूमिका भी महत्वपूर्ण हो जाती है। समय बहुत कीमती है। इसलिए अपने एक-एक सेकंड का हिसाब रखें। जितना हो सके समय को सफल करें। अपनी योग-साधना का चार्ट मेटेंन रखें। यदि हमें लाइट बनना है तो व्यर्थ संकल्पों से अपनी एनर्जी को बचाना होगा। एक-एक संकल्प समर्थ संकल्प हो। जितना हम एनर्जी को सेफ करते जाएंगे, उतनी हमारी शक्ति बढ़ती जाएगी।
इस मौके पर संस्थान के महासचिव बीके बृजमोहन भाई ने कहा कि परमात्मा कहते हैं कि जो बच्चे मेरे बताए ज्ञान मार्ग पर चलते हैं तो ऐसे बच्चे भगवान को पसंद होते हैं। ऐसे में हमारा दायित्व समाज के प्रति अधिक बढ़ जाता है। हमारे कर्म ऐसे हों जिन्हें देखकर दूसरे प्रेरणा ले सकें। हमें इस दुनियावी संसार में रहते हुए अपनी योग साधना पर पूरा फोकस रखना है। सदा प्रोफेशनल लाइफ और पर्सनल लाइफ में बैलेंस बनाकर चलें। परमात्मा ने हमें संगमयुग पर इतना श्रेष्ठ और महान कार्य दिया है। यह सदा स्मृति में रहेगा तो हमारे कर्म अपने आप महान और दिव्य बन जाएंगे। संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके सुदेश दीदी ने सच्ची जागरूकता के लिए मन की स्वच्छता विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि जब तक जीवन में मन की स्वच्छता नहीं होगी, बुद्धि दिव्य नहीं बनेगी।
योग-साधना आगे भी जारी रखें-
एकाउंट विभाग के बीके गोकुल भाई ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि आज इतने सारे एकसाथ बीके फाइनेंस प्रोफेशनल भाई-बहनों को देखकर प्रसन्नता हो रही है। चार दिन में आप सभी ने यहां जो योग और अध्यात्म की गहराई को जाना है उसे आगे भी अपने जीवन में जारी रखें।
एकाउंट विभाग की बीके मिली दीदी ने कहा कि मैंने वरिष्ठ दीदी-दादियों से सीखा है कि समय का सदुपयोग कैसे करना है। जब हम अपने जीवन में एक-एक पल को सफल करते हैं तो हमारा जीवन सफल हो जाता है। जितना हो सके अपने आप को व्यस्त रखें। यही उन्नति की सीढ़ी है। ग्लोबल हॉस्पिटल के डॉ. सचिन भाई ने ज्ञान प्रकाशम् भवेत् विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि जब तक अंतर्मन की गहराई में, दिल में चोट नहीं लगती है तब तक जीवन में परिवर्तन नहीं आता है। संचालन वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके शारदा दीदी ने किया।