छत्तीसगढ़

प्रयागराज महाकुंभ 2025 में पॉलिथीन व डिस्पोजल मुक्त करने RSS ने छत्तीसगढ़ में चलाया एक थाली एक थैली अभियान

रायपुर : प्रयागराज महाकुंभ की तैयारियां जोरों पर हैं. छत्तीसगढ़ की जनता को भी महाकुंभ में शामिल होने का निमंत्रण मिल चुका है. महाकुंभ में करोड़ों लोग शामिल होने देश और दुनियाभर से आएंगे. प्रयागराज महाकुंभ को प्रदूषण मुक्त बनाने पर भी काम किया जा रहा है. इसी कड़ी में दुर्ग में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ ने एक बड़ा अभियान शुरु किया है. आरएसएस ने अपने अभियान का नाम एक थैली एक थाली रखा है. एक थैली एक थाली अभियान के तहत दुर्ग जिले से पांच हजार थैली और थाली प्रयागराज भेजने का लक्ष्य रखा गया है. भिलाई के जामुल में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के सदस्यों और व्यापारियों ने मिलकर 151 थैली और थाली दान की. संघ की ओर से लोगों को जागरुक करने का भी काम किया जा रहा है. लोगों को बताया जा रहा है कि महाकुंभ में होने वाले कचरे को हम कैसे कम कर सकते हैं.

वही कुरूद खंड द्वारा 500 नग थाली व 500 नग थैले स्वयंसेवकों ने इकट्ठे किए। इस भावना का संदेश दिया कि प्रयागराज में जो महाकुंभ हो रहा है, वहां पॉलिथीन व डिस्पोजल का उपयोग नहीं के बराबर हो। स्वयंसेवकों में धनेश्वर निर्मलकर, जितेंद्र चंद्राकर, नेमीचंद, शशांक कृदत्त, संतोष चंद्राकर, विकास चंद्राकार, भूषण देवांगन ने अपनी उपस्थिति दी।

दुर्ग के आरएसएस के विभाग सरकार्यवाह दिलेश्वर उमर ने कहा कि इस मुहिम में संघ के जामुल समेत सभी सांगिक और अनुशांगिक संगठन के सदस्य बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. संघ से जुड़े लोग समाज के लोगों, संस्थाओं और नागरिकों तक पहुंचकर उन्हें हरित मेला की जानकारी दे रहे हैं. प्रयागराज में कचरा ना दिखे इसको लेकर जामुल में भी एक थैला और एक थाली अभियान चलाया गया है. दिलेश्वर उमर ने कहा कि 16 दिसंबर तक यह मुहिम चलेगी. उसके बाद थैला और थाली प्रयागराज के महाकुंभ के लिए भेजा जाएगा.पर्यावरण संरक्षण पर रहेगा जोर वहीं डॉक्टर अनुज नारद ने कहा की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पर्यावरण संरक्षण गतिविधि द्वारा यह अभियान चलाया जा रहा ह. अभियान के तहत पूरे भारत से एक थैला और एक थाली दान के रूप में भेजा जा रहा है. मेले में आए लोगों को अपना सामान रखने के लिए ये झोला दिया जाएगा. खाने में डिस्पोजेबल ग्लास और दोना पत्तल से कचरा नहीं फैले इसके लिए खंड वाली थाली दी जाएगी. इससे लाखों टन कचरा कम होगा.

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