बुराइयों को हवन कुंड में स्वाहा करने के साथ हुआ गीता ज्ञान यज्ञ का समापन
नवापारा (राजिम)“स्थानीय प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा नगर के श्रीराधाकृष्ण मंदिर प्रांगण में सात दिवसीय गीता ज्ञान यज्ञ के समापन दिवस पर कथा प्रवक्ता योगशक्ति ब्रह्माकुमारी भारती दीदी ने स्रोता समाज को कहा कि हमारे ऊंचे और श्रेष्ठ कर्म ही हमारे जीवन को सुखदायी और यशस्वी बनाते हैं, हमे महज ज्ञान को सुनना नही बल्कि जीवन मे उतारकर ईश्वरीय आदेशों के अनुसार जीवन बनाना है।
दीदी ने ज्ञान और विज्ञान को सहज रीति से समझाते हुए श्रीमद्भागवत गीता को व्याख्यान के माध्यम से समझाया कि अर्जुन जब अधीर हो गए और उन्होने अपना मनोबल खो दिया तब भगवान ने उन्हें उनके निज स्वरूप की पहचान देकर कर्म का सुंदर ज्ञान दिया। उन्होंने कहा कि ज्ञान ही वो अस्त्र है जिससे हम विषम परिस्थिति में अपने आपको स्थिर बनाए रख सकते हैं।सदैव याद रहे ईश्वरीय ऊर्जा हमारे साथ है,हमारे साथ सदैव अच्छे से अच्छा होगा ,ऐसे सकारात्मक विचार हमें निरंतर सही दिशा में आगे लेकर जाएंगे और हम अन्य की प्रेरणा के भी पात्र बनेंगे।
दीदी ने सहज व सरल मेडिटेशन के माध्यम से ईश्वरीय अनुभूति भी कराई साथ ही बुराइयों को हवन कुंड में स्वाहा भी कराया।जिसमे नगर सहित क्षेत्र के कई गृहस्थ आश्रम में रहकर अपने जीवन मे पवित्रता व्रत का पालन करने वाले गृहस्थी परिवारो ने यज्ञ हवन कुंड में अपने मानो विकारो की आहुति देकर यम ,संयम, नियम का पालन करते हुए स्वर्णिम समाज की स्थापना का संकल्प लिया।
इस सफल आयोजन के लिए दीदी ने सभी को बधाई देते हुए पुष्पों की वर्षा कर फागोत्सव मनाया वही सभा मे आत्म स्वरूप राजा बलि के रूप मे उपस्थित समस्त स्रोताओं से बालक भगवान ने मनोविकारो का दान लेकर यज्ञ कुंड में स्वाहा कर जीवन मे सुख,शांति, पवित्रता ,सम्पन्नता का वरदान एवं शंकर स्वरूप शिव तांडव का आकर्षक झांकियों ने सभी को आकर्षित किया। वही खुशी व श्रद्धा की लहर से प्रांगण का वातावरण ज्ञान व भक्तिमय हो गया ।
कार्यक्रम में श्रद्धालुओं द्वारा दीदी का सम्मान किया गया। इस अवसर पर नगरजनों ने कार्यक्रम का भरपूर आनंद लिया। ब्रह्माकुमारी दीदी ने सभी से एकाग्रता और समझ को विकसित करने के लिए नियमित मेडिटेशन का आग्रह किया,जिससे तन और मन दोनों स्वस्थ रहे और शीघ्र लक्ष्य प्राप्ति में सफलता मिल सके,साथ ही समय के सदुपयोग की बात भी कही।
वही ब्रह्माकुमारीज इंदौर से पधारे धार्मिक प्रभाग के क्वर्डिनेटर ब्रह्माकुमार कहा कि गीता ज्ञान के माध्यम से परमात्मा ने राजयोग सिखाया है। इसका अभ्यास करने से मनुष्य अपनी कर्मेंद्रियों का राजा बन जाता है।यही गीता का संदेश परमात्मा पिता ने ब्रह्माकुमारी बहनो के माध्यम से दे रहे है जिसे जीवन मे अपनाकर विषम परिस्थितियों में परमात्मा का हाथ व साथ का अनुभव करे व अपने सदगति मार्ग प्रशस्त करे।
कार्यक्रम के आयोजक सेवाकेंद्र प्रमुख ब्रह्माकुमारी पुष्पा दीदी ने अपने आशीर्वचन में उपस्थित नागरिकों को शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत गीता में निराकार ज्योतिस्वरूप परम पिता शिव परमात्मा ने जो राजयोग की विद्या बताई जिसके प्रयोग से आपके अंदर जो अमृत कलश है, आपके भीतर जो गुण छुपे हैं, जो शक्तियां छुपी हैं, वह जागृत होगी। उन गुण और शक्तियों के जागृत होने से आप अपने जीवन को सशक्त और किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार कर सकेंगे।
दीदी ने कार्यक्रम के सफल आयोजन में सहयोग के लिए सभी ब्रह्माकुमार- कुमारी ,भाई बहनों एवं नगर वासियो का आभारव्यक्त किया ।वही नगरवासियों ने अनुभव व्यक्त करते हुए कथा वाचक योगशक्ति ब्रह्माकुमारी भारती दीदी का सम्मान किया तत्पश्चात ब्रह्मभोजन प्रसादी वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।