Christmas 2024 : कोरबा में बना 105 साल पुराना मेनोनाइट चर्च जो अतीत की एक गाथा बयां करता है…
छत्तीसगढ़ : कोरबा में 1919 में अमेरिकी मिशनरियों द्वारा शहर के मिशन रोड में मौजूद मेनोनाइट चर्च की स्थापना की थी जो क्रिश्चियन समाज के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है. इस चर्च की उम्र अब 105 वर्ष हो चुकी है, जो अतीत की एक गाथा बयां करती है. इस बार भी यहां क्रिसमस को लेकर खास तैयारी की गई है.
इतिहास में झांकें तो यह पता चलता है कि जिस समय अंग्रेजों ने यहां कदम रखा, कोरबा एक अत्यंत बीहड़ और जंगली क्षेत्र से घिरा हुआ था. अमेरिकी मिशनरियों – करनेलियस एच. सुकाऊ और उनकी पत्नी लूलू सुकाऊ – ने यहां आकर स्थानीय वनवासियों की कठिनाइयों को देखा और उनकी सहायता के लिए प्रतिबद्ध हो गए.बताया जाता है कि अंग्रेज पहले जलमार्ग से मुंबई आये. फिर हाथी की सवारी कर जांजगीर से कोरबा तक गए थे. उन दिनों यहां रहने वाले लोगों के लिए जीवन कठिन था, लेकिन सुकाऊ दंपति ने इसे बदलने का संकल्प लिया. यहां के वनवासियों की स्थिति देखी और क्षेत्र के विकास के लिए यहां न सिर्फ चर्च की स्थापना की, बल्कि स्कूल और अस्पताल भी बनवाएं.
कोरबा नगर कोरबा डीह के नाम से जाना जाता था और यहां काफी पिछड़ापन था. प्रभु की दया और मानव सेवा का संकल्प-लेकर अंग्रेज यहां पहुंचे थे. तब के अमेरिकन मिशनरियों ने अभूतपूर्व काम किया, मानव सेवा के क्षेत्र में कई रिकॉर्ड भी बनाए. मिशनरी स्कूल में पढ़े लिखे लोग उच्च पदों तक पहुंचे, उन्होंने क्षेत्र कायाकल्प कर दिया. आज भी मसीही समाज के लोग इस चर्च को एक विशेष स्थान मानते हैं. इस वर्ष, क्रिसमस के मौके पर, चर्च को खास तौर पर सजाने की तैयारियां जोरों पर हैं. पास्टर निशांत नंद ने बताया कि “हम प्रत्येक वर्ष 25 दिसंबर के लिए चर्च को विशेष रूप से सजाते हैं. नए सिरे से रंग रोगन किया जाता है और विभिन्न प्रार्थनाएं आयोजित की जाती हैं. जिससे पूरी दुनिया को प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त हो. क्रिसमस का त्योहार मनाने के लिए मसीही समुदाय ने धूमधाम से तैयारी की है. मेनोनाइट चर्च न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह 105 वर्षों के विकास और सेवा का प्रतीक है.