Raipur में पत्रकारों ने स्वास्थ्य विभाग के आदेश के खिलाफ किया धरना प्रदर्शन…आदेश को तत्काल वापस लेने की मांग

रायपुर : छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल, डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय में मीडिया कवरेज को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने कई नए नियम और शर्तें लागू कर दी हैं। इसके तहत अस्पताल परिसर में मीडिया के प्रवेश और कवरेज की सीमा निर्धारण कर दिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग के इस आदेश के विरोध में आज राजधानी रायपुर के अंबेडकर चौक पर पत्रकारों ने एकजुट होकर जोरदार प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में पत्रकार साथी सड़कों पर उतरे और विभाग के आदेश की प्रति को जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया।
प्रदर्शन कर रहे पत्रकारों ने कहा की सरकारी अस्पताल में हो रही अव्यवस्थाओं और जनहित से जुड़ी खबरों को सामने लाना मीडिया का अधिकार है। ऐसे में इस तरह का प्रतिबंध जनहित और लोकतंत्र दोनों के खिलाफ है। पत्रकारों ने मांग की कि इस आदेश को तत्काल वापस लिया जाए, अन्यथा आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।
क्या है पुरा मामला…
छत्तीसगढ़ राज्य शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने राज्य के किसी भी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में रोगियों की फोटो-वीडियो लेने पर प्रतिबंध लगा दिया है. जब तक रोगी या उसके कानूनी अभिभावक लिखित रूप से सहमति नहीं देंगे, तब तक अनुमति नहीं मिलेगी. इस आशय का आदेश मंगलवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जारी किया. जारी आदेश के मुताबिक मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में मीडिया प्रबंधन के लिए प्रोटोकॉल निर्धारित करने का हवाला दिया है, लेकिन इसे गत दिनों राजधानी के मेकाहारा अस्पताल में हुए बाउंसर विवाद से जोड़कर देखा जा रहा हैं.
चार पेज का उक्त आदेश सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा गत 13 जून को जारी किया गया, जो मंगलवार को सार्वजनिक हुआ है. उक्त आदेश में अस्पताल के अंदर रोगियों के वार्डों या संवेदनशील क्षेत्रों में मीडिया के प्रवेश पर सख्त प्रतिबंध निर्धारित किया है. इसी तरह किसी भी घटना या दुर्घटना के मामले में रोगियों के नाम, पहचान या चिकित्सा स्थिति का खुलासा नहीं किया जाएगा, जब तक कानून द्वारा आवश्यक न हो. इस आदेश में मीडिया के प्रवेश और कवरेज के लिए भी नियम बनाए गए हैं, जिसके तहत मीडियाकर्मी पहले जनसंपर्क अधिकारी से अनुमति लेगा, फिर कवरेज क्षेत्र के जाएगा, किसी भी रोगी की बिनी अनुमति संवेदनशील जानकारी उजागर नहीं करेगा, लाइव रिपोर्टिंग के लिए निर्धारित स्थान और समय निर्धारित रहेगा, ताकि अस्पताल के कामकाज पर इसका असर न हो.
इतना ही नहीं शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों से संबंद्ध चिकित्सालयों के संबंध में जो भी समाचार प्रकाशित होगा, उसकी वस्तुस्थिति से उसी दिन आयुक्त कार्यालय चिकित्सा शिक्षा विभाग को अवगत कराना अनिवार्य होगा. इस संबंध में 5 दिनों के भीतर में पालन प्रतिवेदन आयुक्त चिकित्सा शिक्षा विभाग को भेजना सुनिश्चित की जाए।