छत्तीसगढ़ के कलाकार ने जीता मेरिटोरियस अवार्ड
छत्तीसगढ़/बलौदाबाजार विकासखंड के अंतर्गत अर्जुनी गांव के रहने वाले प्रसिद्ध कलाकार और कला शिक्षक, निखिल तिवारी ने AAFT विश्वविद्यालय, माठ, खरोरा में स्कूल ऑफ फाइन आर्ट्स के प्रमुख के रूप में अपनी कला और शिक्षा के प्रति समर्पण से राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा हासिल की है। हाल ही में आरबीआई की 90वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता में उन्होंने अपने छात्र-छात्राओं को मार्गदर्शन दिया, जिसमें उनकी छात्रा चेतना गंजीर की उत्कृष्ट कृति का चयन फाइनल राउंड के लिए हुआ। चेतना की इस सफलता और निखिल तिवारी की मेहनत ने विश्वविद्यालय को मेरिटोरियस अवार्ड दिलाया, जिसके अंतर्गत AAFT विश्वविद्यालय को देश के शीर्ष 15 कला शैक्षणिक संस्थानों में शामिल किया गया है।
इस प्रतिष्ठित जीत के अंतर्गत चेतना गंजीर को 1 लाख रुपये का नकद पुरस्कार मिलेगा, और विश्वविद्यालय को एक कंप्यूटर डेस्कटॉप पुरस्कार स्वरूप प्राप्त हुआ।
बता दे कि निखिल तिवारी का कला के प्रति रुझान बचपन से ही रहा है। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर अर्जुनी व अंबुजा विद्या पीठ, रवान से उच्चतर माध्यमिक शिक्षा प्राप्त की और खैरागढ़ के इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय से चित्रकला में स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री स्वर्ण पदक के साथ हासिल की। वर्तमान में वह AAFT विश्वविद्यालय से सिनेमा में पीएचडी कर रहे हैं।
कला के प्रति अपने जुनून और समर्पण के साथ, निखिल तिवारी का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को रचनात्मक क्षेत्रों की ओर प्रेरित करना है। उनका मानना है कि “कला सीखने का अर्थ जीवन सीखना है।” उनकी यह उपलब्धि न केवल उनकी निजी सफलता है, बल्कि कला के प्रति उनके समर्पण और शिक्षण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिसने उनके विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाई है। उनके इस उपलब्धि पर स्वस्नेही जन व गांववासियों ने उनके कला के प्रति प्रेम को देखते हुए शुभकामनाएं प्रदान किया।।