नवा रायपुर के श्री सत्य साईंहास्पीटल में ब्रह्माकुमारी वीणा दीदी का व्याख्यान हुआ…

रायपुर, 5 जून 2025: आत्मा जब शरीर छोड़ती है तो अपने साथ कर्म फल साथ में लेकर जाती है। शरीर तो यहीं रह जाता है किन्तु उसने जो कर्म किए हैं वह संस्कार के रूप में आत्मा के साथ जाता है और उसके अनुसार ही आत्मा को शरीर और परिवार मिलता है।
यह बातें प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी वीणा दीदी ने नवा रायपुर अटल नगर के श्री सत्य साईंचाईल्ड हार्ट केयर हास्पीटल में इलाज के लिए आए लोगोंं के परिवारजनों व चिकित्सकों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि योग माना जोडऩा। आत्मा का सम्बन्ध परमात्मा से जोडऩा। यही राजयोग है। सम्बन्ध जोडऩे के लिए सबसे पहले परिचय का होना जरूरी है। हर शरीर के अन्दर एक चेतना है जिसे आत्मा कहा जाता है। वह अतिसूक्ष्म ज्योति स्वरूप है। वैसे ही हमारे पिता परमात्मा भी अतिसूक्ष्म ज्योतिबिन्दु हैं। वह रूप में बिन्दु किन्तु गुणों में सिन्धु हैं। परमात्मा को प्यार से याद करें मजबूरी या स्वार्थ से नहीं। परमात्मा में श्रद्घा और विश्वास होना जरूरी है।
उन्होंने स्वस्थ रहने के लिए गुस्से से बचने का सुझाव देते हुए बतलाया कि अगर आप दिन में दस-पन्द्रह मिनट भी मेडिटेशन करेंगे तो आप जल्दी स्वस्थ हो जाएंगे। कहते हैं कि बीस मिनट का मेडिटेशन करने से चार घण्टे की नींद के बराबर आराम मिलता है। मेडिटेशन करना स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमन्द सिद्घ हुआ है।
उन्होंने बतलाया कि रोजाना ईश्वर को धन्यवाद करें कि इतना अच्छा शरीर उसने हमें दिया है। जन्म जरूर माँ-बाप ने दिया लेकिन शरीर भगवान ने दिया है। उसके बाद आपको जन्म देने वाले माता-पिता का धन्यवाद करें। आपको शिक्षा देने वाले गुरूजनों का धन्यवाद करें। इससे आपका व्यवहार अच्छा बनेगा।
इस अवसर पर सत्य साईं हास्पीटल के सेन्टर प्रमुख एस. जगदीश राव ने ब्रह्माकुमारी वीणा दीदी को मोमेन्टो प्रदान कर सम्मानित किया। बाद में वीणा दीदी ने ईलाज के उपरान्त स्वस्थ हो चुके मरीजों को सर्टिफिकेट और बच्चों को अपना आशीर्वाद प्रदान किया।