छठ गीत किसी भी घर में बजेंगे, मन में एक ही छवि होगी बिहार कोकिला शारदा सिन्हा जी की…विनम्र श्रद्धांजलि
बिहार का महापर्व छठ पूजा, जिसकी शुरुआत आज नहायखाय से हुई, उसी दिन बिहार कोकिला या फिर यूं कहें बिहारवासियों की प्रिय बिहार कोकिला का निधन हो गया। जिनके सुरों से दुनियाभर के अलग-अलग हिस्सों में छठ की शुरुआत हुआ करती थी, आज इस महापर्व की शुरुआत पर उसी स्वरागिनी ने दुनिया को अलविदा कह दिया। शारदा सिन्हा के छठ के गीतों को सुनकर श्रद्धालुओं का रोम-रोम आनंदित हो उठता था।
दुनिया के चाहे किसी भी कोने में हों, लेकिन शारदा सिन्हा के गाए हुए गीतों को सुनकर अनुभव होता था मानों मीलों दूर का सफर खत्म हो गया और हम अपने घर आ गए हों। खैर, इस दुनिया को छठ महापर्व से रूबरू कराने वाली स्वरागिनी शारदा सिन्हा अब नहीं रहीं।
लोकगायिका शारदा सिन्हा ने कई इंटरव्यू में बताया है कि उन्होंने अपने भाई की शादी नेग के लिए एक लोकगीत गाया, जिसे उन्होंने तैयार किया था। इसी लोकगीत के साथ शारदा सिन्हा ने संगीत जगत में कदम रखा। बाद में उनकी शादी बेगूसराय के ब्रजकिशोर सिन्हा के साथ हो गई। ससुराल में उन्हें थोड़े से विरोध का सामना तो करना पड़ा, लेकिन पति और ससुर के भरपूर समर्थन के साथ उन्होंने संगीत का सफर बरकरार रखा। लोकगीत गाते हुए उनकी एंट्री बॉलीवुड गानों में भी हुई।
फिल्म मैंने प्यार किया का गाना कहे तोसे सजना…
शारदा सिन्हा ने सलमान खान की फिल्म मैंने प्यार किया का गाना कहे तोसे सजना ये तोहरी सजनिया…को अपनी आवाज दी। आज भी इस गाने को खूब पसंद किया जाता है। इसके साथ ही उन्होंने ‘तार बिजली’ गाना भी गाया।
1991 में पद्मश्री और 2018 में पद्मभूषण से हुईं सम्मानित…
लोकगीत में बिहार कोकिला के योगदान देने के लिए 1991 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था। इसके बाद 2018 में 69वें गणतंत्र दिवस पर मोदी सरकार ने शारदा सिन्हा को 1991 में पद्म भूषण से सम्मानित किया।
छठ पूजा के गीतों के साथ अमर हो गई शारदा…
बिहार कोकिला के गीत सदियों तक हर उस घर में गूंजते रहेंगे, जहां आस्था के प्रतीक छठ पूजा को मनाया जाता है। शारीरिक तौर पर आज वो अपने अनंत सफर पर निकल पड़ी हैं, लेकिन उनकी गीतों में जो उनकी आत्मा का निवास है, वो सदा-सदा के लिए लोगों को महसूस होगा। जब भी छठ का कोई गीत किसी घर में बजेगा, मन में एक ही छवि होगी शारदा सिन्हा जी की। उनकी गीतों में उनकी आवाज की खनक पर अब होठों पर मुस्कान तो आएंगे, लेकिन आंखों में नमी भी होगी।